होता ऐसा भी शायद
परियों की शहजादी आती राहों में
ज़न्नत की वो हुस्न परी
पायल छनकाती कानों में
गलियों का हूँ मैं आवारा
वो परियों की रानी है
ढूंढ रहा हूँ कब से तुझको
आधी एक कहानी है
तनहा सी तुम इन आँखों में
परछाई बनकर आती हो
जब भी कोई आहट होती
तुम धड़कन बन जाती हो
जाने ऐसा कब होगा
जब छनकेगी पायल कानों में
तेरी आँखों का वो जादू
बस होगा *मधुकर* की यादों में