सागरों के बीच में, उठ रही हैं ख्वाहिशें! बैठकर साहिल पर यूँ . रो रहीं हैं बंदिशें...
सागरों के बीच में,
उठ रही हैं ख्वाहिशें!
बैठकर साहिल पर यूँ .
रो रहीं हैं बंदिशें...